जो ना समझे पीर पराई नेता जी।

कैसे उसकी करें बड़ाई नेता जी।।


उनके घर होटल से खाना आता है

वो क्या समझेंगे महगाई नेता जी।।


तुम बिलियन ट्रिलियन की बातें करते हो

हमको मुश्किल हुई दहाई नेता जी।।


फांके करवा देती है जब बढ़ती है

जीएसटी में आना पाई नेता जी।।


बातों से तुम करुणा सागर लगते हो

किन्तु कर्म से हुये कसाई नेता जी।।

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