ढूंढें आज पुरानी बातें।

जानी या अनजानी बातें।।

बातें  जैसे  बेगानों  से 

अपनों से बेगानी बातें।।

अहमक बच्चों से करते हैं

बूढ़ी और सयानी बातें।।

खोजें प्यार दुलारों वाली

फिर नाना नानी की बातें।।

अम्मा की यादों में डूबी

बाबू की पहचानी बातें।।

फ़ौजदरियां करवाती हैं

नफरत की दीवानी बातें।।

कुछ अच्छा करने की खातिर

छोड़ो यार पुरानी बातें।।


सुरेश साहनी, कानपुर

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