ये खुशी बेहिसाब है गोया।
उससे मिलना सबाब है गोया।।
उस तबस्सुम का क्या कहें वल्लाह
मेरे ख़त का जवाब है गोया।।
उसकी आंखें हैं दो कंवल जैसे
और चेहरा गुलाब है गोया।।
देख कर झुक गयी नज़र उसकी
ये भी कोई नक़ाब है गोया।।
पल में उड़ कर के आसमां छूना
मन का पंछी उक़ाब है गोया।।
होंठ गोया शराब के प्याले
हुस्न उसका शराब है गोया।।
किस तसल्ली से जान लेता है
यार मेरा कसाब है गोया।।
सुरेश साहनी,अदीब
कानपुर
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