आसमान में पत्थर कौन उछालेगा।

फिर सुराख कर के भी वो क्या पा लेगा।।

तुमने क्या हम सबको पागल समझा है

पागल भी अब इन बातों को टालेगा।।

बस पड़ोस का बच्चा भगत सिंह होवे

इनका बच्चा राज पाट सम्हालेगा।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है