व्यक्तिगत अच्छाइयों की आड़ में
सामूहिक बुराईयों को छिपाना
हम बख़ूबी सीख गए हैं
हम मुसोलिनी को श्रद्धांजलि देते हैं
हम सीख गए है बधाई देना
जन्मदिन की गोर्बाचेव को
और हर उस आदमी को भी
जिसने लाखों घर उजाड़कर
बना दिये कुछ मन्दिर
जहाँ लिखा है
भिखारियों का प्रवेश वर्जित है।।
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