चुप रहो एक पूरी ग़ज़ल बन सको

प्यार का इक मुकम्मल महल बन सको

ताज तैयार होने तलक चुप रहो।।

ख़्वाब तामीर होने तलक चुप रहो

पूर्ण तस्वीर होने तलक चुप रहो

घर के संसार होने तलक चुप रहो।।

राज तकरार में हैं छुपे प्यार के

प्यार बढ़ता नहीं है बिना रार के

रार मनुहार होने तलक चुप रहो।।

आप इनकार करते हो जब प्यार से

जीत जाते हैं हम प्रेम में  हार  से

मन से इक़रार होने तलक चुप रहो।।

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