द्रोण तुम कब आ रहे हो

एक नया अवतार लेकर  

मात्र अंगूठा लिया था

तुमने अपनी दक्षिणा में

आज के गुरु  प्राण लेना चाहते हैं।-सुरेश साहनी

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