रूठना है तो रूठ जाया कर।

फिर मनाने से मान जाया कर।।

तेरे जाने से जान जाती है

उठ के पहलू से यूँ न जाया कर।।

दिल तेरे ग़म में डूब सकता है

यूँ किनारे भी मत लगाया कर।।SS

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