सरदी में गुनगुनी धूप सी

गर्मी में शीतल फुहार है।

बारिश में छतनार पेड़ की

छाया जैसा तेरा प्यार है।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है