प्यार कभी था अब भी है।
कुछ तो वैसा अब भी है।।
तुमसे बेहतर क्या होता
कोई तुम सा अब भी है।।
सच बोलें तो मानोगे
ये दिल बच्चा अब भी है।।
होश नहीं कब देखा था
ख़्वाब अधूरा अब भी है।।
कुछ तो खोया तब भी था
कुछ तो छूटा अब भी है।।
माना पहले बेहतर था
कुछ तो अच्छा अब भी है।।
तब भी दुनियादार न था
ये मन भोला अब भी है।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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