ऊँची ऊँची बातों से क्या मतलब है।

लम्बे चौड़े वादों से क्या मतलब है।।


उनको मतलब है जनता के वोटों से

जनता के ज़ज़्बातों से क्या मतलब है।।


दल में शामिल हैं जो कल तक दागी थे  

अब उनके अपराधों से क्या मतलब है।।


जब सारी दुनिया को अपना मान लिया

जातों और जमातों से क्या  मतलब है।।


वात अनुकूलित बंगलों में जो रहते हैं

सेठों को फुटपाथों से क्या मतलब है।।


जो उलझाते हैं मन्दिर- ओ- मस्जिद में

उनको भूखी आंतों से क्या मतलब है।।


कैसे माने    वो   नेता या   सन्यासी  है

सन्यासी को ठाठों  से क्या मतलब है।।


कविता पूरी होगी भाव प्रवणता से

केवल शब्द-समूहों से क्या मतलब है।। 


मतलब केवल मतलब भर रखते हैं वे       

उनको इन जजबातों से क्या मतलब है।।

सुरेश साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है