"का बात है भाई साहब ! गुप्ताइन कछू थकी थकी लग रही हैं।आज रात दो बार पूजा होय गयी का?"मिश्रा जी ने पूछा।
नहीं ऐसे ही । ठीक तो हैं"गुप्ता जी ने अनमने मन से उत्तर दिया।शायद उन्हें मिश्रा जी मजाक पसंद नहीं आया था।फिर भी उन्होंने पूछ लिया कि कैसे आना हुआ मिश्रा जी?
कछू नहीं यार! दोनो बेटियन को मेरे घर भेज देना ।कन्या पूजा करनी है।
मिश्रा जी का आग्रह था या आदेश, यह बात गुप्ता जी समझ नही पाए।लेकिन पूजा शब्द उन्हें बार बार परेशान कर रहा था।
#लघुकथा
सुरेश साहनी,कानपुर
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