आज फिर गुरु द्रोण को मेरी ज़रूरत पड़ गयी

आज फिर अर्जुन उन्हें  मौके  पे  ठेंगा दे गया।। साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है