खाना बेहतर पीना बेहतर।

क्या ये ही है जीना बेहतर।।

चालीस चोर अलीबाबा से

यूँ भी थी मरजीना बेहतर।।

क्या बेहतर था अकबर या फिर

थी उसकी काबीना बेहतर।।

इन काली वहशी नज़रों से

होते  हैं  नाबीना  बेहतर ।।

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