इनसे उनसे दुनिया भर से हैं अपने नाते।

संबंधों के मकड़जाल में नित फँसते जाते।।

सुर नर मुनि सबकी है रीती स्वारथ की प्रीती

एक तुम्ही थी जो इन सबसे अलग रही माते।।

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