जब कभी मुझको सताने आया।

वो  मुहब्बत के  बहाने  आया।।


मैं भी समझा कि हँसाने आया।

दरअसल था वो रुलाने आया।।


जिसको समझा कि तसल्ली देगा

वो भी आया तो खिझाने आया।।


आदमी ने तो बिगाड़ा लेकिन

वो ख़ुदा  भी न् बनाने आया।।


कौन आएगा अभी दिल देने

तू भी आया तो चुराने आया।।

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