अब चमचे भी पत्रकार हैं।

ये इस युग के चमत्कार हैं।।

जो भी कहना 

सच मत कहना

जो भी लिखना

सच मत लिखना

नेता जी के आगे-पीछे

दायें चलना ,बायें चलना

नेता जी खुश हो जाएं तो

धन सुख सुविधाएं अपार हैं।।

जनता के जज़्बात बुरे हैं

कहती है हालात बुरे हैं

अमरीका और चीन डर गए

क्या ऐसे दिन रात बुरे हैं

उनको सब अच्छा लिखना है

सुविधाभोगी कलमकार हैं।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है