मत लिखो कुछ भी
अगर लिखना ज़रूरी है
धार कम कर दो
ये क़लम की खानापूरी है
आज के हालात पर
मत लिखो फिर भी
अगर लिखना ज़रूरी है
क़लम को गुमराह कर दो
तुम नज़रअंदाज़ कर दो
हर हकीकत
वो लिखो जो चाहती है
यह हुकूमत.....
Suresh Sahani
मत लिखो कुछ भी
अगर लिखना ज़रूरी है
धार कम कर दो
ये क़लम की खानापूरी है
आज के हालात पर
मत लिखो फिर भी
अगर लिखना ज़रूरी है
क़लम को गुमराह कर दो
तुम नज़रअंदाज़ कर दो
हर हकीकत
वो लिखो जो चाहती है
यह हुकूमत.....
Suresh Sahani
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