अभी एक कार्यक्रम की संभावना बन रही थी। एक कवि बोले भैया आप इसको अंतरराष्ट्रीय काव्य संगमन क्यों नहीं लिखवा रहे हैं। कुछ नहीं तो अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ही लिखवा लीजिये। ये " कविता-यात्रा' भी कोई नाम है। 

मैंने कहा भैया कानपुर और आसपास के कुछ कवि आ जाते हैं , यही बहुत बड़ी बात है। अखिल भारतीय का मतलब समझते हो?

वो बोले , '" अरे तिवारी जी अइहें कि नहीं। अभी फेसबुक पर उनका 151वां सम्मान हुआ है। लगभग यूरोप ऑस्ट्रेलिया और अमरीका सब के ऑनलाइन कवि सम्मेलन कर चुके हैं। और वो विचित्तर भैया थापा जी तो नेपाली हइये हँय। और का चाही।'

  सही बात बताएं यह बात सुन के हमारे मन मे भी इंटरनेशनल साहित्यकार वाली फीलिंग आने लगी है।

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