सीधा सादा सरल सलोना जीवन है।

तुमसे घर का कोना कोना जीवन है।।

बोलो रूठो रार करो मनुहार करो

प्यार तुम्हारा घर में होना जीवन है।।

झूटी शानो शौकत में सब डूबे है 

ऊँचे  कद वालों का बौना जीवन है।।

जीवन है उपहार इसे स्वीकार करो

देह भले माटी है सोना जीवन है।।

भागोगे तो बोझ सरीखी पाओगे

अपनाओ तो खेल खिलौना जीवन है।।

दौड़ कुलाँचे भर ओझल हो जायेगा

गोया जंगल का मृग छौना जीवन है।।

Suresh Sahani ,kanpur

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है