बददुआ काम कर न जाये कहीं।
दिल की दुनिया सँवर न जाये कहीं।।
हम तेरे हुस्न से मुतास्सिर हैं
इश्क़ में नाम हो न जायें कहीं।।
वक़्त रहते  दवा पिला दीजै
वक़्त यूँ ही गुज़र न जाये कहीं।।

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