कल तलक थी हरी भरी दुनिया।

आज क्यों है डरी डरी दुनिया।।

जिसके कारण हैं नफ़रतें इतनी

सच में है क्या वो दूसरी दुनिया।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है