दिल बहला कर चल देते हो।

बात  बना कर   चल देते हो।।

दिल का दर्द कहें क्या तुमसे

तुम कतरा कर चल देते हो।।

दिन  भर यहाँ वहाँ भटकोगे

रात बिताकर   चल देते हो ।।

हम   खोये  खोये  रहते हैं

तुम क्या पाकर चल देते हो।।

क्यों उम्मीद जगाते हो जब

हाथ बढ़ा कर चल देते हो ।।

ख़ाक मुहब्बत को समझे हो

आग लगा कर चल देते हो।।

अब ख़्वाबों में यूँ मत आना

नींद उड़ा कर चल देते हो ।।

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