हर सख़्श यहाँ गाफ़िल है दीन ओ ईमां से

अल्लाह मदद करता ऐसे में भला किसकी।।

इक चाहे घटा बरसे इक धूप कड़ाके की

अल्लाह दुआ सुनता ऐसे में भला किसकी।। 

सुरेश साहनी

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