ए हो सुकुल जी का हो तिवारी

का  चीज ढाँकी  केंहर उघारी


अपने दुआरे भिखारी बा राजा

आने दुआरी पे राजा भिखारी


गाँवे में मूवल भी निम्मन लगेला

जीयल शहरिया में लागेला गारी


छाइब  पलानी जां  बईठब दुआरी

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