ख़ुद को नाशाद  तो नहीं करते।

जीस्त  बरबाद  तो नहीं करते।।


हुस्न जव्वाद हो न हो यारब

हम भी फ़रयाद तो नहीं करते।।


हिचकियाँ अब भी मुझको आती हैं

तुम मुझे  याद तो नहीं करते।।


आदतन दिल की राजधानी को

दौलताबाद  तो  नहीं  करते।।


हुस्न माना कि माबदौलत है

इश्क़ मुनकाद तो नहीं करते।।


इश्क़ हरदम जवान रहता है

इश्क़ अज़दाद तो नहीं करते।।


इश्क़ के साथ ये ज़हां वाले

कोई बेदाद तो नहीं करते।।


सुरेश साहनी कानपुर

9451545132

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