कौन फरियाद कर रहा होगा।
ख़ुद को नाशाद कर रहा होगा।।
सिर्फ़ दिलशाद कर रहा होगा।
वज़्म आबाद कर रहा होगा।।
काम ये तंगदिल नहीं करते
कोई जव्वाद कर रहा होगा।।
मैं उसी हौसले पे हूँ कायम
तब जो फरहाद कर रहा होगा।।
ऐसा दुश्मन भी अब नहीं कोई
कौन फिर याद कर रहा होगा।।
क्या कोई इश्क़ के लिए ख़ुद को
अब भी बरबाद कर रहा होगा।।
कब है दुनिया अदीब की दुश्मन
कोई मुनकाद कर रहा होगा।।
सुरेश साहनी अदीब
कानपुर
94515452
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