ज़िंदगी है तो हैं सफ़र में हम।
मौत के बाद होंगे घर में हम।।
जो खुमारी सी दिल पे छाई है
हैं तेरे ख़्वाब के असर में हम।।
जान कर राख मत कुरेद हमें
मिल न जाएं कहीं शरर में हम।।
ढूंढते हो मेरी नज़र में किसे
अब अगर हैं तेरी नजर में हम ।।
ज़िंदगी है तो हैं सफ़र में हम।
मौत के बाद होंगे घर में हम।।
जो खुमारी सी दिल पे छाई है
हैं तेरे ख़्वाब के असर में हम।।
जान कर राख मत कुरेद हमें
मिल न जाएं कहीं शरर में हम।।
ढूंढते हो मेरी नज़र में किसे
अब अगर हैं तेरी नजर में हम ।।
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