भारत में कितने भारत हैं।

तुम क्या हो यदि हम भारत हैं।।


गांवों में बसता है भारत

कुटियों में रहता है भारत

दूर गांव से आते आते

कैसे खो जाता है भारत

क्या दिल्ली में कम भारत हैं।।


भारत गांवों से बनता है

पर ऐसा क्यों हो जाताहै

गांवों से चलकर शहरों में 

वही इण्डिया हो जाता है

कैसे कह दें हम भारत हैं।।


मरते सीमा पर जवान हैं

खेतों में मिटते किसान हैं

हमसे सौतेलापन क्यों हैं 

हम भारत के नवजवान हैं

सपने और भरम भारत हैं।।


रोज निर्भया रोज दामिनी

बन नालों की अंकशायिनी

गंगा होती रोज पतित है

मोक्षदायिनी खुद दूषित है

क्या क्लब और हरम भारत हैं।।

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