बड़ी महफ़िल है लेकिन अज़नबी है।

यहां सब कुछ है अपनों की कमी है।।


सभी के पास ऊँचे ओहदे हैं

हमारे पास खाली पोटली है।।


इरादे   कायरों के   डोलते हैं

हमारी नाव डगमग डोलती है।।


हमारा दिल समन्दर की तरह है

हमारी आरजू प्यासी नदी है।।


सुरेशसाहनी

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