हर एक शख़्स में इंसान नहीं होता है।
जो समझ ले वो परेशान नही होता है।।
तुम उसे पूज के भगवान बना देते हो
कोई पत्थर कभी भगवान नही होता है।।
पशु व पक्षी भी समझते हैं मुहब्बत की जुबाँ
कौन कहता है उन्हें ज्ञान नहीं होता है।।
आज विज्ञान ने क्या ख़ाक तरक्की की है
मौत का आज भी इमकान नही होता है।।
ये सियासत है यहां और मिलेगा सबकुछ
इनकी दुनिया में इक इमान नहीं होता है।।
देश-दुनिया के मसाइल तो पता हैं इनको
इनसे रत्ती भी समाधान नहीं होता है।।
सुरेशसाहनी, कानपुर
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