आदमी लाचार है यारों बवा के सामने।

हर कोई बीमार है यारों बवा के सामने।।

अब हवा है हर दवा नकली हवा के सामने

साँस तक व्यापार है यारों बवा के सामने।।

ये न सोचो आदमी डर जायेगा मर जायेगा 

युद्ध को तैयार है यारों हवा के सामने।।

दूसरी सरकार है उस राज्य में दोषी यहाँ

कौन जिम्मेदार है यारों बवा के सामने।।

अब न कोरोना बचेगा क्योंकि लड़ने के लिए

देश ख़ुद तैयार है यारों बवा के सामने।।


सुरेश साहनी, कानपुर

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है