मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यों रात भर नहीं आती।।
मिर्जा ग़ालिब ने जब ये कहा होगा ,उस रात यक़ीनन वे सो नहीं पाए होंगे। अब किस कारण उन्हें नींद नहीं आयी होगी,यह अलग विषय है।एक नौकरीपेशा को नींद नहीं आने के तमाम कारण हो सकते हैं। फिर दिल्ली सरकार की नौकरी तो भगवान ही मालिक है। वो तो बादशाह पढ़े लिखे थे वरना कब नोटबन्दी हो गयी या कब सरकार से अडानी के मुलाजिम हो गए वाली स्थिति बनते देर नहीं लगती। किन्तु एक सबसे बड़ा कारण उनका स्वास्थ्य गड़बड़ होना भी रहा होगा।जिसके चलते वो रातभर सो नहीं पाए होंगे। जैसे कि मैं डाइबिटीज का मरीज हूँ और गैस्ट्रिक ट्रबल के चलते नींद नहीं आने पर चचा को याद कर रहा हूँ।
खैर चाचा बड़े वाले शायर थे सो उनके अशआर रात में भी नाज़िल होते रहे होंगे ।उन्हें पता था कि इस शासन में आम आदमी की परेशानियों का कोई इलाज नहीं है। जब तक जीवन है बीमारियां आती जाती रहेंगी।उन्होंने कहा भी है
ग़मेहस्ती का असद कैसे हो बज़ुज़मर्ग इलाज
शम्आ हर रंग में जलती है सहर होने तक।।
अभी मैं भी जाग रहा हूँ।ऑप्शन फार्म आने वाले हैं।परन्तु हमारा एंटायर पोलिटिकल कैलकुलेशन 2024 के आम चुनाव तक संसदीय तुगलकों से फिलहाल राहत की संभावना दिखला रहा है।
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