ख़्वाजा

 दरे ख़्वाजा से बेहतर कोई ख़ाका हो नहीं सकता।

मेरे मौला के जैसा कोई आका हो नहीं सकता।।

मेरे ख्वाज़ा  वली-ए-हिन्द हैं जब  तक पासवां  अपने

मेरे हिन्दोस्तां का बाल बांका हो नहीं सकता।। साहनी

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