आप ताजा तरीन हो फिर भी।

माहरुख महजबीन हो फिर भी।।

आपमें सादगी गज़ब की है

आप जबकि हसीन हो फिर भी।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है