हार बैठा था पर तलाश लिया।

आखिरश दिल ने दर तलाश लिया।।


हुस्न ऐयारियों पे आया तो

इश्क ने भी  हुनर तलाश लिया।।


मरहले रास्ते भी हैरां  हैं

मंजिलों ने सफ़र तलाश लिया।।


सोच अंजाम तिरगी कांपी

हौसलों ने शरर तलाश लिया।।


गांव फिर गांव ख़ाक रह पाता

जब से उसने शहर तलाश लिया।।


अम्न का कारवां न लुट जाए

ये किसे राहबर तलाश लिया।।


इश्क को जाम की ज़रूरत थी

नफरतों ने जहर तलाश लिया।।


वो निगाहों से दिल में उतरा है

दिल ने दिल में ही घर तलाश लिया।।


डरने वाले खड़े हैं साहिल पे

साहनी ने भंवर तलाश लिया।।

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