कहो तो मुस्कुरा कर क्या करोगे।
हमारा दिल चुरा कर क्या करोगे।।
जिसे तुम आज़माना कह रहे हो
सताना है सता कर क्या करोगे।।
किसी की जान जा सकती है जानम
न जाओ दूर जा कर क्या करोगे।।
अज़ल से है ज़माना दुश्मने-जां
ज़माने को बता कर क्या करोगे।।
क़यामत दूर से भी ढा रहे हो
सनम पहलू में आ कर क्या करोगे।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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