बस दीवानावार बनाना चाहे हो।

या सचमुच का यार बनाना चाहे हो।।


सच मे अपना प्यार बनाना चाहे हो।

या ख़ाली बीमार बनाना चाहे हो।।


इतना पागल होना अच्छी बात नहीं

बेशक़ घर संसार बनाना चाहे हो।।


इतराये फिरते हो हाथों में लेकर

क्या ख़त को अखबार बनाना चाहे हो।।


इतना मत चाहो बस इंसा रहने दो

क्यों मुझको अवतार बनाना चाहे हो।।


सुरेश साहनी, कानपुर

9451545132

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