आज सो लें नींद मनभर 

कल नई कविता लिखेंगे


 .......


रात छोटी है सृजन की

नींद भर कुछ स्वप्न बुन लें

और दिन भर के लिए

अपना नया किरदार चुन लें


कल इसी किरदार को हम

तूलिका लेकर गढ़ेंगे.....


मृत्यु तक ठहराव जीवन

एक लंबा स्वप्न ही है

आस उम्मीदों तले यह

ज़िन्दगी भी दफ़्न ही है


मृत्यु तक आराम कर लें

फिर सफर पर चल पड़ेंगे.......

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