हासिलें है तो सफर लाज़िम है।

इश्क़ का दिल पे असर लाज़िम है।।

आज लगता है तो फिर हो जाये

मुल्क़ में एक गदर लाज़िम है।।

नाख़ुदा ख़ुद को ख़ुदा समझे तो

उस समन्दर में भंवर लाज़िम है।।

उसको तुम प्यार के उपदेश न दो

ज़हर कटने को जहर लाज़िम है।।

जबकि मुर्दों को भी घर मिलता है

सो गरीबों को भी घर लाज़िम है।।

हम तो मयकश हैं गुनहगार नहीं 

शेख साहब को ये डर लाज़िम है।।

ग़म के दरिया से न घबरा शायर

इसमें तुफानो- बहर  लाज़िम है।।

सुरेशसाहनी, कानपुर

9451545132

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