तंज़ओ संग झेल जाएंगे।
जब मना लेंगे रूठ जाएंगे।।
साथ हर दर्द झेल जाएंगे।।
और कब तक रहेंगे जाने ज़हाँ
ये फफोले भी फूट जाएँगे।।
आईना दिल का बच न पायेगा
तुम न होगे तो टूट जाएंगे।।
सच को दोज़ख भली है अब यारब
जबकि जन्नत में झूठ जाएंगे।।
तंज़ओ संग झेल जाएंगे।
जब मना लेंगे रूठ जाएंगे।।
साथ हर दर्द झेल जाएंगे।।
और कब तक रहेंगे जाने ज़हाँ
ये फफोले भी फूट जाएँगे।।
आईना दिल का बच न पायेगा
तुम न होगे तो टूट जाएंगे।।
सच को दोज़ख भली है अब यारब
जबकि जन्नत में झूठ जाएंगे।।
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