अपन दुआर न छोड़िहs भइया।
नेह हमार न छोड़िहs भइया।।
नाम कमयिहs परदेसे में
गॉंव जवार न छोड़िहs भईया।।
हाल सनेसा भेजत रहिहs
घर से प्यार न छोड़िहs भैया।।
केतहुँ रहिहs नीमन रहिहs
आस के तार न छोड़िहs भैया।।
अपन भुईधरी अपने होले
ई अधिकार न छोड़िहs भैया।।
सुरेशसाहनी
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