भूली बिसरी यादों के किस्से बतियाओगे।
जब तुम उतरे यौवन में फिर से मिल जाओगे।।
कुछ खोने की गुम होने की एक कसक होगी
या पाने की बन जाने की ठाठ ठसक होगी
दोनों स्थितियों में सहज कहाँ रह पाओगे।।
हम दोनों के जीवन साथी जानें कैसे हों
हम दोनों हम दोनों ही थे चाहे जैसे हों
टीस रहेगी इस सच को कैसे झुठलाओगे।।
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