उसने क्या क्या नहीं दिया कहिये।
जो है उसका ही शुक्रिया कहिये।।
आग पानी हवा कुदूरत सब
उसने किसको मना किया कहिये।।
श्याम को कुछ बुरा नहीं लगता
चोर छलिया कि कालिया कहिये।।
कृष्णमय हो जगत कि राधामय
श्याम मीरा का हो लिया कहिये।।
साहनी ख़ुद का क्या सुनाता है
सब है मालिक की बानियाँ कहिये।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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