शब्द चयन है जितना अनुपम भाव मेरे उतने ही पावन।

भावों की बारिश में भीने निर्मल कर देते हैं तनमन।।

भावों की सरिता में डूबा कविता की गागर ले उबरा

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है