देश के लिए रघुराम राजन से छोटा राजन का महत्वपूर्ण होना हैरत की बात नहीं।आखिर छोटा राजन का संघर्ष जमीनी या ग्राउंड लेवल पर रहा है, बल्कि उससे भी अधिक यानि अंडर ग्राउंड या वर्ल्ड लेवल का रहा है।और इस क्षेत्र की सर्वोच्च प्रतिभाओं में छोटा राजन का स्थान रहा है।मेरिटोरियस होना साधारण बात नही है।देश में इकॉनोमी, कॉमर्स ,व्यापार-प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लाखों प्रोफेसर,रीडर या टीचर होंगे।उन्हें कौन जानता है।यदि आरबीआई के गवर्नर न होते तो रघुराम जी को कोई जानता भी नही।आज भी कुछ पढ़े लिखे फेसबुकियों या सु स्वामी जैसे नेताओं के अलावा उन्हें कौन जानता है।जबकि छोटा राजन भैया को पूरा पाताल- वर्ल्ड जानता है।आरबीआई से केवल भारत की अर्थव्यवस्था सम्बंधित है।जबकि छोटा राजन भैया दुबई से सिंगापुर तक जाने कितने देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते रहे हैं।इस हिसाब से आप पाताल जगत के कारोबार और सकल वार्षिक उत्पाद का आंकलन कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त भैया शूटिंग स्पर्धा में भी शीर्ष पर रहे हैं।यदि इन्हें उचित अवसर मिलता या ये इच्छा रखते तो दर्जन भर ओलिंपिक स्वर्ण पदक देश के लिए ला सकते थे।किन्तु भैया ने राष्ट्र हित के लिए यह स्वीकार नही किया। आज भी इनके सैकड़ों शिष्य अपनी शार्प शूटिंग की प्रतिभा से पूरे देश में भैया का नाम रोशन कर रहे हैं। रघुराम राजन देश में कितना सोना लाये होंगे यह तो स्वामी जी के अतिरिक्त किसी को नही पता होगा,लेकिन छोटा राजन भैया ने सैकड़ों टन शुद्ध सोना देश में लाने ले जाने में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।इसके पहले केवल हाजी और मेनन लोगों का एकाधिकार था और केवल मुम्बई डाक यार्ड तक यह व्यवसाय सीमित था।भैया ने सिंगापुर में केंद्र बनाकर इस व्यवसाय को अंतराष्ट्रीय सम्मान दिलाया।भैया ने खेल से लेकर राजनीति तक हर क्षेत्र में अपनी योग्यता दिखलाई है।प्राणों पर खेलकर ऐसी महान उपलब्धि हासिल करने छोटा राजन भैया को अशोकचक्र और पद्मविभूषण आदि प्रदान कर सम्मानित करना चाहिए।और हो सके तो आरबीआई समेत सभी बैंकों का प्रभार उन्हें ही सौंप देना चाहिए।
भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील
अमवा के बारी में बोले रे कोयिलिया ,आ बनवा में नाचेला मोर| पापी पपिहरा रे पियवा पुकारे,पियवा गईले कवने ओर निरमोहिया रे, छलकल गगरिया मोर निरमोहिया रे, छलकल गगरिया मोर||........... छलकल .... सुगवा के ठोरवा के सुगनी निहारे,सुगवा सुगिनिया के ठोर, बिरही चकोरवा चंदनिया निहारे, चनवा गईले कवने ओर निरमोहिया रे, . छलकल .... नाचेला जे मोरवा ता मोरनी निहारे जोड़ीके सनेहिया के डोर, गरजे बदरवा ता लरजेला मनवा भीजी जाला अंखिया के कोर निरमोहिया रे, . छलकल .... घरवा में खोजलीं,दलनवा में खोजलीं ,खोजलीं सिवनवा के ओर , खेत-खरिहनवा रे कुल्ही खोज भयिलीं, पियवा गईले कवने ओर निरमोहिया रे, छलकल ....
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