तुम्हे आप कहना असहज लगता है 

जैसे दो किनारों के बीच 

औपचारिकताओं की गहरी नदी बह रही हो

और तुम कह सकूँ 

अपने रिश्तों में  अभी

इतनी नज़दीकियाँ भी नहीं  

ऐसा करते हैं

हम कुछ दिन और देखते हैं

साथ रह कर.....

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