ईद का चांद देखने के लिए 

हमने तारे भी खूब देखे हैं

उसके भाई फिरे थे लट्ठ लिए

ये नज़ारे भी खूब देखे हैं

खुद बख़ुद हो गए कई रोज़े

जिल हज़ा भूख से संवारी है

चाँद के दीद के लिए हमने

रात आंखों में भी गुज़ारी है

#ईद मुबारक़

Suresh Sahani  कानपुर

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