हमने पत्थर को ख़ुदा मान लिया।
जो हुआ ठीक हुआ मान लिया।।
क्या ज़रूरी है बगावत करना
आपने जो भी कहा मान लिया।।
आपसे कोई शिकायत क्यों हो
आपको हर्फ़े-वफ़ा मान लिया।।
हमने तो आपकी इज़्ज़त रक्खी
आपने जिसको हया मान लिया।।
हमने पत्थर को ख़ुदा मान लिया।
जो हुआ ठीक हुआ मान लिया।।
क्या ज़रूरी है बगावत करना
आपने जो भी कहा मान लिया।।
आपसे कोई शिकायत क्यों हो
आपको हर्फ़े-वफ़ा मान लिया।।
हमने तो आपकी इज़्ज़त रक्खी
आपने जिसको हया मान लिया।।
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