डरो मत गर यहाँ पर तीरगी है।

यहीं से दो कदम पर रौशनी है।।


ये सच है मौत है अंजामे-आख़िर

मगर  उससे भी पहले ज़िन्दगी है।।


बहारें देख जो इतरा रहे हैं

उन्हें कुछ बदगुमानी हो गयी है।।


सहेजो आज जो मौका मिला है

बहुत सी बर्फ रिश्तों में जमी है।।

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